दिवाली 2025
दिवाली साल 2025 में अक्टूबर 19 से अक्टूबर 23, 2025 तक मनाई जाएगी | दिवाली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है| यह त्यौहार पूरे भारत और दुनिया भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । यह त्यौहार हर साल कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है | यह सुंदर पर्व अँधेरे पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मना जाता है ।
दिवाली 2025 में किस दिन मनाई जायेगी
दिवाली 2025, 20 अक्टूबर, सोमवार को मनाई जाएगी। दिवाली अमावस्या को मनाई जाती है | इस साल 2025 में अमावस्या 20 अक्टूबर को दोपहर लगभग 03 बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी | हालांकि अमावस्या तिथि 21 अक्टूबर तक जारी रहेगी, लेकिन मुख्य पूजा और उत्सव 20 अक्टूबर को ही आयोजित होंगे।
दिवाली 2025 : मुहूर्त और टाइम
तिथि | टाइम |
अमावस्या स्टार्ट | अक्टूबर 20, 2025 दोपहर 3:45 |
अमावस्या एन्ड | अक्टूबर 21, 2025 शाम 5:54 |
लक्ष्मी पूजा महूर्त | अक्टूबर 20, 2025 – शाम 07:08 से शाम 08:18 |
दिवाली 2025 : प्रमुख दिन
1. धनतेरस
दिवाली की शुरआत धनतेरस से होती है | इस दिन लोग भगवान धनवंतरि और माँ लक्ष्मी की पूजा करते हैं और मानते हैं कि इससे घर में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि आती है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना या चाँदी खरीदते हैं, क्योंकि इसे शुभ माना जाता है। शाम को घरों के बाहर दीप जलाए जाते हैं ताकि माँ लक्ष्मी का स्वागत हो सके। धनतेरस हमें याद दिलाता है कि असली धन सिर्फ पैसे में नहीं, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य, प्रेम और खुशियों में छिपा होता है।
2. नरक चतुर्दशी
नरक चतुर्दशी को छोटी दीवाली भी कहा जाता है, और यह दीवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। लोग सुबह जल्दी उठकर तेल स्नान करते हैं, दीप जलाते हैं और घर की सफाई करते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सुख-शांति आती है। नरक चतुर्दशी हमें सिखाती है कि हमें अपने जीवन से बुराइयों और नकारात्मकता को मिटाकर अच्छाई को अपनाना चाहिए।
3. दिवाली
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान् श्री राम रावण का वध कर अपने छोटे भाई लक्मण तथा पत्नी सीता के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, इसी कारण से दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है |उनके घर वापिस आने की ख़ुशी में तथा अमावस्या होने के कारण अयोध्या वासियों ने अपने घरों को दीयों से सजाया था | इसी कारण से दिवाली के दिन दिए जलाये जाते हैं |
4. गोवर्धन पूजा
गोवर्धन पूजा, जो दिवाली के बाद मनाई जाती है, कहते हैं की भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत से जुड़ी एक महत्वपूर्ण कथा है। इस दिन लोग अपने घरों में गोवर्धन की छोटी मिट्टी की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा करते हैं। यह पूजा भगवान कृष्ण के उस कार्य की याद दिलाती है जब उन्होंने अपने गांव तथा व्रजवासियों को बारिश और तूफान से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था। इस साल गोवर्धन पूजा साल 2025 में 22 अक्टूबर को मनाई जायेगी |
5. भाई दूज
भाई दूज, जिसे भाई भीज भी कहा जाता है, दिवाली के बाद मनाया जाने वाला त्योहार है। इस दिन बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती है। बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है और उसे मिठाइयाँ देती है। भाई भी अपनी बहन को उपहार देता है और दोनों के बीच प्यार और अपनापन बढ़ता है। भाई दूज भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है और इसे बहुत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल भाई दूज 2025 साल में 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा |